सन् 1947 के करीब हमारे देश भारत का एक
बटवारा हुआ था, मोहन दास करम चंद गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना के वजह से अरब से
आये एक विदेशी धर्म के लिए और एक अलग देश पाकिस्तान बनाया गया था मुसलमानो के
लिये। जिसका दर्द भारत के मूल निवासी जो हिन्दु समाज है वो आज तक नही भूल पाया है।
आज हर राज्य हर जिले मे एक गांधी और जिन्ना पैदा हो गये है जो भारत को टुकड़ो मे
बाँट कर उस पर राज करना चाहते है। इनमे से कुछ लोग हमारे देश कि राजनिति मे घुस
गये है ।
ताजा उदाहरण हमारे देश कि ऱाजधानी दिल्ली राज्य के कानून मंत्री सोमनाथ
भारती का है।जिस देश कि परम्परा (अतिथि देवो भव-) रही हो वहाँ एक राज्य का कानून
मंत्री यूगांडा से आये महिलाओ के साथ अभद्र व्यवहार करता है और उन पर नस्ल भेदी
टीप्पणी करता है, तथा साथ ही साथ समाज मे बाटने वाली मानसिकता का संदेश देता है ।
जिसके परिणाम स्वरूप दिल्ली मे हमारे देश के पूर्वी भाग अरूणाचल प्रदैश से
आये छात्र को दिल्ली के निवासीयो ने उसके पहनावे को लेकर नस्ल भेदी टीप्पणी की और जब उस छात्र ने इस बात का विरोध
किया तो उसे वहाँ के लोगो ने बुरी तरह से पिटाई कि जिससे उसकी मौत हो गई ।
अब इन सब घटनाओ को देखकर मेरे मन मे कुछ सवाल उठते है कि क्या उत्तरपूर्वी राज्यो के लोग भारत के निवासी नही है ? क्या उत्तर पूर्वी राज्यो को भारत से अलग करने कि तैयारी है?क्या दिल्ली कैवल सोमनाथ भारती,मनीषसिसोदिया,और प्रशांतभूषण जैसै देश के गद्दारो के बाप की जागीर है।
अब इन सब घटनाओ को देखकर मेरे मन मे कुछ सवाल उठते है कि क्या उत्तरपूर्वी राज्यो के लोग भारत के निवासी नही है ? क्या उत्तर पूर्वी राज्यो को भारत से अलग करने कि तैयारी है?क्या दिल्ली कैवल सोमनाथ भारती,मनीषसिसोदिया,और प्रशांतभूषण जैसै देश के गद्दारो के बाप की जागीर है।
कोई कहता है कि काश्मीर को भारत से अलग कर दो तो कोई नस्लवाद को बढावा देता
है ।इसीलिए मैने कहा कि आज हर नगर हर शहर मे कही ना कही गांधी और जिन्ना फिर से
पैदा हो गये है जो हमारे देश को कई टुकड़ो मे बाँटना चाहते है।
आज जरूरत है तो सिर्फ इस बातकि कि जो लोग भारत को सशक्त और समृध देखना
चाहते है वो एक जुट होकर राजनिति मे इन जैसे देशद्रोहीयो को आने से रोके क्योकि
राजनिति से ही हमारे देश के भविष्य का निर्धारण होता है, और इनके खतरनाक ईरादो से
दूरी बना कर रखे चाहै ये लाख प्रलोभन ही क्यूँ न दे।
जयहिन्द
वन्देमातरम्